लेखनी प्रतियोगिता -05-Feb-2023 तेरा श्रृंगार बुलाता है
शीर्षक-तेरा श्रृंगार बुलाता है
विधा- गीत
तेरा श्रृंगार बुलाता,
मेरा दिल बहलाता।
जब भी देखूं तुझको
प्यार कर बैठता....-2
तेरी चूड़ियां बुलाती,
कंगन जब खनकाती,
तेरा कंगना बनाये दीवाना...
ओ मेरी सजनी...
तेरे कानों की बाली चमके,
मेरा दिल देख देख धड़के,
तेरी बाली मेरे दिल को धड़काती...
ओ मेरी सजनी...
जब भी देखूं तुझको
प्यार कर बैठता....-2
तेरे पैरों की खनके पायल,
दिल में तेरी होती आहट...
तेरी पायल मुझे तड़पाती...
ओ मेरी सजनी...-2
तेरे होठों की लाली,
मुझे बहुत सताती,
तेरी यह लाली पास बुलाती...
ओ मेरी सजनी...
जब भी देखूं तुझको
प्यार कर बैठता....-2
लाल जोड़े में सजी है
मेरी दुल्हन बनी है
दिल की दिल्लगी बढ़ी है...
ओ मेरी सजनी...-2
लगे ऐसा जैसे
धरती पर चांद उतर आया,
लगे ना तुझको नजर पर्दा गिराया...
ओ मेरी सजनी...
तेरे बालो से मुझ पर,
डालती जब तू असर,
बेकाबू हो जाता यह दिल तब,
दिल के आंगन में फूल खिलते जब।
दिल के दरवाजे पर होती तेरी आहट,
बस तेरे नाम की होती चाहत
तेरा श्रृंगार बुलाता,
मेरा दिल बहलाता।
जब भी देखूं तुझको
प्यार कर बैठता....-2
सीताराम साहू 'निर्मल'
07-Feb-2023 07:15 PM
👏👍🏼
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Renu
06-Feb-2023 04:03 PM
👍👍🌺
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अदिति झा
06-Feb-2023 11:52 AM
Nice 👌
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